NCERT BOOK CLASS 12TH PHYSICS MCQ
अध्याय 4 : गतिमान आवेश और चुंबकत्व ( Moving Charges and Magnetism )
महत्वपूर्ण बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)
1. लॉरेंज बल (Lorentz force) का सूत्र क्या है?
a) F = q(E + v × B)
b) F = q(E – v × B)
c) F = q(E + B × v)
d) F = q(E – B × v)
उत्तर: a) F = q(E + v × B)
2. एक आवेशित कण चुंबकीय क्षेत्र (magnetic field) में गति करता है तो उस पर लगने वाला बल किस पर निर्भर नहीं करता?
a) आवेश (charge)
b) वेग (velocity)
c) द्रव्यमान (mass)
d) चुंबकीय क्षेत्र की तीव्रता (intensity of magnetic field)
उत्तर: c) द्रव्यमान (mass)
3. साइक्लोट्रॉन (cyclotron) में आवेशित कण की गति की आवृत्ति (frequency) किस पर निर्भर करती है?
a) कण की गतिज ऊर्जा (kinetic energy)
b) चुंबकीय क्षेत्र (magnetic field)
c) कक्षा की त्रिज्या (radius of orbit)
d) उपरोक्त सभी
उत्तर: b) चुंबकीय क्षेत्र (magnetic field)
4. 1 टेस्ला (Tesla) बराबर है:
a) 1 N A⁻¹ m⁻¹
b) 1 N A⁻¹ m
c) 1 N A m⁻¹
d) 1 N A m
उत्तर: a) 1 N A⁻¹ m⁻¹
5. बायो-सावर्ट नियम (Biot-Savart law) के अनुसार, चुंबकीय क्षेत्र (magnetic field) dB की दिशा किसके समानांतर होती है?
a) dl × r
b) r × dl
c) dl · r
d) r · dl
उत्तर: a) dl × r
6. एक लंबे सीधे धारावाही तार (current carrying wire) से r दूरी पर चुंबकीय क्षेत्र (magnetic field) का मान होता है:
a) μ₀I / 2πr
b) μ₀I / 4πr
c) μ₀I / 2r
d) μ₀I / r
उत्तर: a) μ₀I / 2πr
7. एम्पीयर का परिपथीय नियम (Ampere’s circuital law) किस राशि से संबंधित है?
a) ∮ B · dl = μ₀I
b) ∮ E · dl = μ₀I
c) ∮ B · dl = μ₀ε₀dΦE/dt
d) ∮ E · dl = -dΦB/dt
उत्तर: a) ∮ B · dl = μ₀I
8. एक परिनालिका (solenoid) के अंदर चुंबकीय क्षेत्र (magnetic field) होता है:
a) एकसमान (uniform)
b) असमान (non-uniform)
c) शून्य (zero)
d) बाहर की ओर (outward)
उत्तर: a) एकसमान (uniform)
9. टोरॉइड (toroid) के अंदर चुंबकीय क्षेत्र (magnetic field) किस पर निर्भर करता है?
a) फेरों की संख्या (number of turns)
b) धारा (current)
c) औसत त्रिज्या (average radius)
d) उपरोक्त सभी
उत्तर: d) उपरोक्त सभी
10. दो समानांतर धारावाही तारों (parallel current carrying wires) के बीच लगने वाला बल आकर्षण (attraction) का होगा यदि:
a) धाराएं समान दिशा में हों
b) धाराएं विपरीत दिशा में हों
c) एक तार में धारा शून्य हो
d) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर: a) धाराएं समान दिशा में हों
11. एक इलेक्ट्रॉन (electron) और एक प्रोटॉन (proton) समान वेग से चुंबकीय क्षेत्र में प्रवेश करते हैं। उनके पथों की त्रिज्याओं (radii) का अनुपात होगा:
a) 1 : 1
b) 1 : 1836
c) 1836 : 1
d) 1 : 2
उत्तर: b) 1 : 1836
12. चुंबकीय द्विध्रुव आघूर्ण (magnetic dipole moment) की इकाई है:
a) A m²
b) A m⁻²
c) A² m
d) A m
उत्तर: a) A m²
13. एक धारा पाश (current loop) का चुंबकीय द्विध्रुव आघूर्ण (magnetic dipole moment) होता है:
a) NIA
b) NI/A
c) IA/N
d) N/IA
उत्तर: a) NIA
14. एक चुंबकीय द्विध्रुव (magnetic dipole) को एकसमान चुंबकीय क्षेत्र (uniform magnetic field) में रखा जाता है तो उस पर लगने वाला बल होगा:
a) अधिकतम (maximum)
b) न्यूनतम (minimum)
c) शून्य (zero)
d) अनंत (infinite)
उत्तर: c) शून्य (zero)
15. एक आवेशित कण चुंबकीय क्षेत्र में वृत्तीय गति (circular motion) करता है। इसकी गतिज ऊर्जा (kinetic energy):
a) बढ़ती है
b) घटती है
c) स्थिर रहती है
d) शून्य हो जाती है
उत्तर: c) स्थिर रहती है
16. हॉल प्रभाव (Hall effect) में उत्पन्न हॉल वोल्टेज (Hall voltage) किसके समानुपाती होता है?
a) धारा (current)
b) चुंबकीय क्षेत्र (magnetic field)
c) दोनों a और b
d) न तो a और न ही b
उत्तर: c) दोनों a और b
17. एक गतिमान आवेश उत्पन्न करता है:
a) केवल विद्युत क्षेत्र (electric field)
b) केवल चुंबकीय क्षेत्र (magnetic field)
c) दोनों विद्युत और चुंबकीय क्षेत्र
d) न तो विद्युत और न ही चुंबकीय क्षेत्र
उत्तर: c) दोनों विद्युत और चुंबकीय क्षेत्र
18. एक इलेक्ट्रॉन (electron) और एक प्रोटॉन (proton) समान चुंबकीय क्षेत्र में समान वेग से प्रवेश करते हैं। उनकी परिक्रमण आवृत्ति (cyclotron frequency) का अनुपात होगा:
a) 1 : 1
b) 1 : 1836
c) 1836 : 1
d) 1 : 2
उत्तर: a) 1 : 1
19. एक धारावाही परिनालिका (current carrying solenoid) का व्यवहार होता है:
a) विद्युत द्विध्रुव (electric dipole) के समान
b) चुंबकीय द्विध्रुव (magnetic dipole) के समान
c) प्रतिरोधक (resistor) के समान
d) संधारित्र (capacitor) के समान
उत्तर: b) चुंबकीय द्विध्रुव (magnetic dipole) के समान
20. एक आवेशित कण जब चुंबकीय क्षेत्र के समांतर (parallel) गति करता है तो उस पर लगने वाला बल होता है:
a) अधिकतम (maximum)
b) न्यूनतम (minimum)
c) शून्य (zero)
d) अनंत (infinite)
उत्तर: c) शून्य (zero)
21. चुंबकीय क्षेत्र रेखाएँ (Magnetic field lines) के बारे में कौन सा कथन सही है?
a) ये खुले वक्र (open curves) होते हैं
b) ये उत्तरी ध्रुव (North pole) से शुरू होकर दक्षिणी ध्रुव (South pole) पर समाप्त होते हैं
c) ये एक-दूसरे को प्रतिच्छेद (intersect) कर सकती हैं
d) ये धारा के समानांतर (parallel to current) होती हैं
उत्तर: b) ये उत्तरी ध्रुव (North pole) से शुरू होकर दक्षिणी ध्रुव (South pole) पर समाप्त होते हैं
22. एक इलेक्ट्रॉन 0.5 T के चुंबकीय क्षेत्र में 10⁶ m/s के वेग से प्रवेश करता है। यदि इलेक्ट्रॉन का वेग क्षेत्र के लंबवत (perpendicular) है तो उसके पथ की त्रिज्या (radius) होगी:
(इलेक्ट्रॉन का आवेश = 1.6 × 10⁻¹⁹ C, द्रव्यमान = 9.1 × 10⁻³¹ kg)
a) 1.14 × 10⁻⁵ m
b) 2.28 × 10⁻⁵ m
c) 3.42 × 10⁻⁵ m
d) 4.56 × 10⁻⁵ m
उत्तर: a) 1.14 × 10⁻⁵ m
व्याख्या: r = mv/qB = (9.1×10⁻³¹ × 10⁶)/(1.6×10⁻¹⁹ × 0.5) = 1.14 × 10⁻⁵ m
23. गतिशील आवेश (Moving charge) द्वारा उत्पन्न चुंबकीय क्षेत्र की दिशा ज्ञात करने के लिए किस नियम का उपयोग किया जाता है?
a) फ्लेमिंग के बाएँ हाथ का नियम (Fleming’s left hand rule)
b) फ्लेमिंग के दाएँ हाथ का नियम (Fleming’s right hand rule)
c) दाएँ हाथ का पेंच नियम (Right hand thumb rule)
d) लेंज का नियम (Lenz’s law)
उत्तर: c) दाएँ हाथ का पेंच नियम (Right hand thumb rule)
24. यदि किसी धारावाही परिनालिका (current carrying solenoid) में फेरों (turns) की संख्या दोगुनी कर दी जाए और धारा आधी कर दी जाए, तो चुंबकीय क्षेत्र (magnetic field):
a) अपरिवर्तित रहेगा
b) दोगुना हो जाएगा
c) आधा हो जाएगा
d) चार गुना हो जाएगा
उत्तर: a) अपरिवर्तित रहेगा
व्याख्या: B = μ₀nI, जहाँ n फेरों की संख्या प्रति इकाई लंबाई है
25. एक प्रोटॉन (proton), एक ड्यूट्रॉन (deuteron) और एक अल्फा कण (alpha particle) समान गतिज ऊर्जा (kinetic energy) से चुंबकीय क्षेत्र में प्रवेश करते हैं। उनके पथों की त्रिज्याओं का अनुपात होगा:
a) 1 : √2 : 1
b) 1 : 1 : √2
c) √2 : 1 : 1
d) 1 : 1 : 2
उत्तर: a) 1 : √2 : 1
26. 2 m लंबे तार में 5 A धारा प्रवाहित हो रही है। इसे 0.5 T के चुंबकीय क्षेत्र में रखा गया है। यदि तार क्षेत्र से 30° का कोण बनाता है, तो तार पर लगने वाला बल (force) होगा:
a) 2.5 N
b) 5.0 N
c) 7.5 N
d) 10.0 N
उत्तर: a) 2.5 N
व्याख्या: F = I l B sinθ = 5 × 2 × 0.5 × sin30° = 2.5 N
27. एक चल कुंडली धारामापी (moving coil galvanometer) की सुग्राहिता (sensitivity) बढ़ाने के लिए:
a) कुंडली में फेरों की संख्या बढ़ाई जाती है
b) चुंबकीय क्षेत्र बढ़ाया जाता है
c) दोनों a और b
d) न तो a और न ही b
उत्तर: c) दोनों a और b
28. 50 eV ऊर्जा का एक इलेक्ट्रॉन 10⁻³ T के चुंबकीय क्षेत्र में प्रवेश करता है। इसकी परिक्रमण आवृत्ति (cyclotron frequency) होगी:
(इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान = 9.1 × 10⁻³¹ kg, आवेश = 1.6 × 10⁻¹⁹ C)
a) 2.8 MHz
b) 28 MHz
c) 280 MHz
d) 2.8 GHz
उत्तर: b) 28 MHz
व्याख्या: ν = qB/(2πm) = (1.6×10⁻¹⁹ × 10⁻³)/(2×3.14×9.1×10⁻³¹) ≈ 28 × 10⁶ Hz
29. एक धारावाही वृत्ताकार लूप (current carrying circular loop) का चुंबकीय आघूर्ण (magnetic moment) 0.5 A m² है। यदि धारा दोगुनी कर दी जाए और त्रिज्या आधी कर दी जाए, तो नया चुंबकीय आघूर्ण होगा:
a) 0.25 A m²
b) 0.5 A m²
c) 1.0 A m²
d) 2.0 A m²
उत्तर: b) 0.5 A m²
व्याख्या: M = I A = I (πr²), नया M’ = (2I) × π(r/2)² = 0.5 Iπr² = 0.5 M
30. एक आवेशित कण जब एकसमान चुंबकीय क्षेत्र (uniform magnetic field) में प्रवेश करता है, तो उसकी गति की दिशा में:
a) त्वरण (acceleration) होता है
b) मंदन (retardation) होता है
c) कोई परिवर्तन नहीं होता
d) ऊर्जा में वृद्धि होती है
उत्तर: c) कोई परिवर्तन नहीं होता
31. 10 cm त्रिज्या के वृत्ताकार लूप में 2 A धारा प्रवाहित हो रही है। लूप का चुंबकीय आघूर्ण (magnetic moment) है:
a) 0.02π A m²
b) 0.04π A m²
c) 0.06π A m²
d) 0.08π A m²
उत्तर: a) 0.02π A m²
व्याख्या: M = I A = 2 × π × (0.1)² = 0.02π A m²
32. एक इलेक्ट्रॉन और एक प्रोटॉन समान वेग से चुंबकीय क्षेत्र में प्रवेश करते हैं। उनकी गतिज ऊर्जाओं (kinetic energies) का अनुपात है:
a) 1 : 1
b) 1 : 1836
c) 1836 : 1
d) 1 : √1836
उत्तर: b) 1 : 1836
33. 0.1 m लंबाई की धारावाही कुंडली (current carrying coil) पर 0.01 N m का बल आघूर्ण (torque) लग रहा है। यदि कुंडली में 100 फेरे (turns) हों और चुंबकीय क्षेत्र 0.1 T हो, तो धारा (current) का मान है:
a) 0.1 A
b) 1 A
c) 10 A
d) 100 A
उत्तर: b) 1 A
व्याख्या: τ = nIBA ⇒ I = τ/(nBA) = 0.01/(100×0.1×0.1×0.1) = 1 A
34. एक आवेश q, द्रव्यमान m और वेग v का कण चुंबकीय क्षेत्र B में प्रवेश करता है। यदि कण का पथ (path) वृत्ताकार हो, तो उसकी कोणीय आवृत्ति (angular frequency) होगी:
a) qB/m
b) m/qB
c) q/mB
d) B/qm
उत्तर: a) qB/m
35. एक सीधे लंबे तार से 2 cm दूरी पर चुंबकीय क्षेत्र 10⁻4 T है। तार में प्रवाहित धारा (current) का मान है:
(μ₀ = 4π × 10⁻⁷ T m A⁻¹)
a) 1 A
b) 10 A
c) 100 A
d) 1000 A
उत्तर: b) 10 A
व्याख्या: B = μ₀I/(2πr) ⇒ I = 2πrB/μ₀ = (2π × 0.02 × 10⁻⁴)/(4π × 10⁻⁷) = 10 A
36. एक चुंबकीय सुई (magnetic needle) जिसका चुंबकीय आघूर्ण (magnetic moment) 60 A m² है, को 1.5 T के चुंबकीय क्षेत्र में रखा गया है। सुई पर अधिकतम बल आघूर्ण (maximum torque) होगा:
a) 30 N m
b) 60 N m
c) 90 N m
d) 120 N m
उत्तर: c) 90 N m
व्याख्या: τ = MB sinθ, अधिकतम τ = MB (जब θ = 90°) = 60 × 1.5 = 90 N m
37. एक आवेशित कण किस स्थिति में चुंबकीय क्षेत्र में सरल रेखीय गति (linear motion) करेगा?
a) जब वेग (velocity) क्षेत्र के समांतर (parallel) हो
b) जब वेग क्षेत्र के लंबवत (perpendicular) हो
c) जब क्षेत्र शून्य हो
d) a और c दोनों
उत्तर: d) a और c दोनों
38. एक इलेक्ट्रॉन 10⁶ m/s के वेग से 0.1 T के चुंबकीय क्षेत्र में प्रवेश करता है। यदि वेग और क्षेत्र के बीच 30° का कोण है, तो इलेक्ट्रॉन का पथ (path) होगा:
a) सरल रेखा (straight line)
b) वृत्त (circle)
c) कुंडलिनी (helix)
d) परवलय (parabola)
उत्तर: c) कुंडलिनी (helix)
39. 1 m लंबे दो समानांतर तारों में प्रत्येक में 1 A धारा प्रवाहित हो रही है। यदि उनके बीच दूरी 1 m हो, तो उनके बीच लगने वाला बल (force) प्रति इकाई लंबाई होगा:
(μ₀ = 4π × 10⁻⁷ T m A⁻¹)
a) 2 × 10⁻⁷ N/m
b) 4 × 10⁻⁷ N/m
c) 6 × 10⁻⁷ N/m
d) 8 × 10⁻⁷ N/m
उत्तर: a) 2 × 10⁻⁷ N/m
व्याख्या: F/l = μ₀I₁I₂/(2πd) = (4π×10⁻⁷×1×1)/(2π×1) = 2 × 10⁻⁷ N/m
40. एक धारावाही वृत्ताकार लूप (current carrying circular loop) के केंद्र पर चुंबकीय क्षेत्र (magnetic field) का मान होता है:
a) μ₀I/2r
b) μ₀I/4πr
c) μ₀I/2πr
d) μ₀I/r
उत्तर: a) μ₀I/2r
41. एक प्रोटॉन (proton) और एक अल्फा कण (alpha particle) समान चुंबकीय क्षेत्र में समान वेग से प्रवेश करते हैं। उनकी गतिज ऊर्जाओं (kinetic energies) का अनुपात होगा:
a) 1:1
b) 1:2
c) 1:4
d) 2:1
उत्तर: b) 1:2
व्याख्या: K.E. = ½mv², अल्फा कण का द्रव्यमान प्रोटॉन से 4 गुना और आवेश 2 गुना होता है। समान वेग के लिए K.E. अनुपात = 1:4 होगा, लेकिन चूंकि अल्फा कण का आवेश दोगुना है, प्रभावी अनुपात 1:2 हो जाता है।
42. 0.2 m त्रिज्या की वृत्ताकार कुंडली में 5 A धारा प्रवाहित हो रही है। इसे 0.5 T के चुंबकीय क्षेत्र में रखा गया है। यदि कुंडली का तल क्षेत्र से 60° का कोण बनाता है, तो कुंडली पर लगने वाला बल आघूर्ण (torque) होगा:
a) 0.05π Nm
b) 0.10π Nm
c) 0.15π Nm
d) 0.20π Nm
उत्तर: c) 0.15π Nm
व्याख्या: τ = NIABsinθ = 1×5×π×(0.2)²×0.5×sin60° = 0.15π Nm
43. एक इलेक्ट्रॉन 5×10⁶ m/s के वेग से 0.1 T के चुंबकीय क्षेत्र में प्रवेश करता है। यदि वेग और क्षेत्र के बीच 90° का कोण है, तो इलेक्ट्रॉन द्वारा बनाए गए वृत्ताकार पथ की त्रिज्या (radius) होगी:
(इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान = 9.1×10⁻³¹ kg, आवेश = 1.6×10⁻¹⁹ C)
a) 2.84×10⁻⁴ m
b) 3.42×10⁻⁴ m
c) 4.25×10⁻⁴ m
d) 5.68×10⁻⁴ m
उत्तर: a) 2.84×10⁻⁴ m
व्याख्या: r = mv/qB = (9.1×10⁻³¹×5×10⁶)/(1.6×10⁻¹⁹×0.1) ≈ 2.84×10⁻⁴ m
44. एक साइक्लोट्रॉन (cyclotron) में प्रोटॉन को त्वरित करने के लिए प्रयुक्त दोलित्र (oscillator) की आवृत्ति 10 MHz है। आवश्यक चुंबकीय क्षेत्र (magnetic field) का मान होगा:
(प्रोटॉन का द्रव्यमान = 1.67×10⁻²⁷ kg, आवेश = 1.6×10⁻¹⁹ C)
a) 0.66 T
b) 1.32 T
c) 2.64 T
d) 3.28 T
उत्तर: a) 0.66 T
व्याख्या: f = qB/(2πm) ⇒ B = 2πmf/q = (2×3.14×1.67×10⁻²⁷×10×10⁶)/(1.6×10⁻¹⁹) ≈ 0.66 T
45. 50 फेरों (turns) वाली एक वृत्ताकार कुंडली जिसकी त्रिज्या 0.1 m है, में 2 A धारा प्रवाहित हो रही है। इसका चुंबकीय आघूर्ण (magnetic moment) होगा:
a) 0.1π Am²
b) 0.5π Am²
c) 1.0π Am²
d) 2.0π Am²
उत्तर: c) 1.0π Am²
व्याख्या: M = NIA = 50×2×π×(0.1)² = 1.0π Am²
46. एक धारामापी (galvanometer) का प्रतिरोध 50 Ω है और यह 1 mA धारा के लिए पूर्ण स्केल विक्षेप (full scale deflection) दर्शाता है। इसे 0-10 V के वोल्टमीटर में बदलने के लिए आवश्यक श्रेणी प्रतिरोध (series resistance) होगा:
a) 9950 Ω
b) 9000 Ω
c) 8000 Ω
d) 7500 Ω
उत्तर: a) 9950 Ω
व्याख्या: R = V/Ig – G = 10/(1×10⁻³) – 50 = 10000 – 50 = 9950 Ω
47. एक लंबे सीधे तार से 10 cm दूरी पर चुंबकीय क्षेत्र 2×10⁻⁵ T है। तार में प्रवाहित धारा का मान होगा:
(μ₀ = 4π×10⁻⁷ Tm/A)
a) 1 A
b) 5 A
c) 10 A
d) 20 A
उत्तर: c) 10 A
व्याख्या: B = μ₀I/(2πr) ⇒ I = 2πrB/μ₀ = (2×3.14×0.1×2×10⁻⁵)/(4×3.14×10⁻⁷) = 10 A
48. एक चुंबकीय द्विध्रुव (magnetic dipole) को एकसमान चुंबकीय क्षेत्र में रखा गया है। स्थायी संतुलन (stable equilibrium) की स्थिति में:
a) द्विध्रुव आघूर्ण और चुंबकीय क्षेत्र समांतर होंगे
b) द्विध्रुव आघूर्ण और चुंबकीय क्षेत्र विपरीत होंगे
c) द्विध्रुव आघूर्ण चुंबकीय क्षेत्र के लंबवत होगा
d) द्विध्रुव आघूर्ण शून्य होगा
उत्तर: a) द्विध्रुव आघूर्ण और चुंबकीय क्षेत्र समांतर होंगे
49. एक इलेक्ट्रॉन और एक प्रोटॉन समान चुंबकीय क्षेत्र में समान गतिज ऊर्जा (kinetic energy) से प्रवेश करते हैं। उनके पथों की त्रिज्याओं का अनुपात होगा:
a) 1:1
b) 1:√1836
c) √1836:1
d) 1836:1
उत्तर: b) 1:√1836
व्याख्या: r = √(2mK)/(qB), इसलिए r ∝ √m (चूंकि q समान है)
50. एक धारावाही परिनालिका (solenoid) के अंदर चुंबकीय क्षेत्र का मान होता है:
a) μ₀nI
b) μ₀nI/2
c) μ₀I/2πr
d) μ₀I/4πr
उत्तर: a) μ₀nI
व्याख्या: परिनालिका के अंदर चुंबकीय क्षेत्र B = μ₀nI, जहाँ n प्रति इकाई लंबाई में फेरों की संख्या है।
51. एक इलेक्ट्रॉन 10⁷ m/s वेग से 10⁻³ T चुंबकीय क्षेत्र में प्रवेश करता है। इसकी परिक्रमण आवृत्ति (cyclotron frequency) होगी:
(इलेक्ट्रॉन का आवेश = 1.6×10⁻¹⁹ C, द्रव्यमान = 9.1×10⁻³¹ kg)
a) 28 MHz
b) 2.8 MHz
c) 280 MHz
d) 28 GHz
उत्तर: a) 28 MHz
हल: ν = qB/(2πm) = (1.6×10⁻¹⁹×10⁻³)/(2×3.14×9.1×10⁻³¹) ≈ 28×10⁶ Hz
52. 0.5 m लंबे दो समानांतर तारों में प्रत्येक में 2 A धारा है। यदि उनके बीच बल 4×10⁻⁷ N हो, तो उनके बीच दूरी है:
(μ₀ = 4π×10⁻⁷ Tm/A)
a) 0.5 m
b) 1 m
c) 2 m
d) 4 m
उत्तर: b) 1 m
हल: F = μ₀I₁I₂l/(2πd) ⇒ d = (4π×10⁻⁷×2×2×0.5)/(2π×4×10⁻⁷) = 1 m
53. एक प्रोटॉन 0.1 T चुंबकीय क्षेत्र में 10⁶ m/s वेग से प्रवेश करता है। पथ की त्रिज्या होगी:
(प्रोटॉन का द्रव्यमान = 1.67×10⁻²⁷ kg)
a) 10.4 cm
b) 20.8 cm
c) 31.2 cm
d) 41.6 cm
उत्तर: a) 10.4 cm
हल: r = mv/qB = (1.67×10⁻²⁷×10⁶)/(1.6×10⁻¹⁹×0.1) ≈ 0.104 m = 10.4 cm
54. एक वृत्ताकार धारा पाश (current loop) का चुंबकीय द्विध्रुव आघूर्ण (magnetic dipole moment):
a) चुंबकीय क्षेत्र के समांतर होता है
b) चुंबकीय क्षेत्र के विपरीत होता है
c) चुंबकीय क्षेत्र के लंबवत होता है
d) चुंबकीय क्षेत्र से 45° पर होता है
उत्तर: a) चुंबकीय क्षेत्र के समांतर होता है
55. 100 फेरों वाली एक कुंडली जिसका क्षेत्रफल 0.01 m² है, 0.5 T चुंबकीय क्षेत्र में रखी है। यदि कुंडली में 2 A धारा प्रवाहित हो, तो अधिकतम बल आघूर्ण (maximum torque) होगा:
a) 0.5 Nm
b) 1.0 Nm
c) 1.5 Nm
d) 2.0 Nm
उत्तर: b) 1.0 Nm
हल: τ = NIAB = 100×2×0.01×0.5 = 1.0 Nm
56. एक इलेक्ट्रॉन और एक प्रोटॉन समान वेग से चुंबकीय क्षेत्र में प्रवेश करते हैं। उनकी गतिज ऊर्जाओं का अनुपात होगा:
(इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान = 9.1×10⁻³¹ kg, प्रोटॉन का द्रव्यमान = 1.67×10⁻²⁷ kg)
a) 1:1836
b) 1836:1
c) 1:1
d) 1:√1836
उत्तर: a) 1:1836
हल: K.E. = ½mv² ⇒ अनुपात = mₑ/mₚ = 9.1×10⁻³¹/1.67×10⁻²⁷ ≈ 1/1836
57. 2 m लंबे तार में 5 A धारा प्रवाहित हो रही है। इसे 0.2 T चुंबकीय क्षेत्र में रखा गया है। यदि तार क्षेत्र से 60° का कोण बनाता है, तो तार पर लगने वाला बल होगा:
a) 1.0 N
b) 1.5 N
c) 1.73 N
d) 2.0 N
उत्तर: c) 1.73 N
हल: F = I l B sinθ = 5×2×0.2×sin60° = 2×0.866 ≈ 1.73 N
58. एक धारामापी (galvanometer) का प्रतिरोध 20 Ω है और यह 5 mA धारा के लिए पूर्ण स्केल विक्षेप दर्शाता है। इसे 0-10 V वोल्टमीटर में बदलने के लिए आवश्यक श्रेणी प्रतिरोध होगा:
a) 1980 Ω
b) 2000 Ω
c) 2020 Ω
d) 2040 Ω
उत्तर: a) 1980 Ω
हल: R = V/Ig – G = 10/(5×10⁻³) – 20 = 2000 – 20 = 1980 Ω
59. एक चुंबकीय द्विध्रुव (magnetic dipole) को चुंबकीय क्षेत्र में रखा गया है। स्थायी संतुलन (stable equilibrium) की स्थिति में संभावित ऊर्जा (potential energy) होती है:
a) अधिकतम
b) न्यूनतम
c) शून्य
d) अनंत
उत्तर: b) न्यूनतम
60. 0.1 m त्रिज्या की वृत्ताकार कुंडली में 2 A धारा प्रवाहित हो रही है। कुंडली के केंद्र पर चुंबकीय क्षेत्र होगा:
(μ₀ = 4π×10⁻⁷ Tm/A)
a) 4π×10⁻⁶ T
b) 8π×10⁻⁶ T
c) 12π×10⁻⁶ T
d) 16π×10⁻⁶ T
उत्तर: a) 4π×10⁻⁶ T
हल: B = μ₀I/2r = (4π×10⁻⁷×2)/(2×0.1) = 4π×10⁻⁶ T
61. एक साइक्लोट्रॉन (cyclotron) में प्रोटॉन को त्वरित करने के लिए प्रयुक्त दोलित्र (oscillator) की आवृत्ति 15 MHz है। आवश्यक चुंबकीय क्षेत्र का मान होगा:
(प्रोटॉन का द्रव्यमान = 1.67×10⁻²⁷ kg, आवेश = 1.6×10⁻¹⁹ C)
a) 0.98 T
b) 1.57 T
c) 2.45 T
d) 3.14 T
उत्तर: a) 0.98 T
हल: B = 2πmf/q = (2×3.14×1.67×10⁻²⁷×15×10⁶)/(1.6×10⁻¹⁹) ≈ 0.98 T
62. एक इलेक्ट्रॉन 10⁶ m/s वेग से 0.2 T चुंबकीय क्षेत्र में प्रवेश करता है। यदि वेग और क्षेत्र के बीच 30° का कोण है, तो कुंडलिनी (helix) की पिच (pitch) होगी:
(इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान = 9.1×10⁻³¹ kg, आवेश = 1.6×10⁻¹⁹ C)
a) 1.79×10⁻⁵ m
b) 3.58×10⁻⁵ m
c) 5.37×10⁻⁵ m
d) 7.16×10⁻⁵ m
उत्तर: a) 1.79×10⁻⁵ m
हल: पिच = vcosθ × T = vcosθ × (2πm/qB)
= 10⁶×cos30° × (2×3.14×9.1×10⁻³¹)/(1.6×10⁻¹⁹×0.2) ≈ 1.79×10⁻⁵ m
63. 0.5 m त्रिज्या के वृत्ताकार लूप में 10 A धारा प्रवाहित हो रही है। लूप का चुंबकीय आघूर्ण (magnetic moment) होगा:
a) 2.5π A·m²
b) 5.0π A·m²
c) 7.5π A·m²
d) 10.0π A·m²
उत्तर: c) 7.5π A·m²
हल: M = I×A = 10×π×(0.5)² = 7.5π A·m²
64. एक धारावाही परिनालिका (solenoid) में 1000 फेरे/m हैं और इसमें 2 A धारा प्रवाहित हो रही है। परिनालिका के अंदर चुंबकीय क्षेत्र होगा:
(μ₀ = 4π×10⁻⁷ Tm/A)
a) 0.8π mT
b) 1.6π mT
c) 2.4π mT
d) 3.2π mT
उत्तर: a) 0.8π mT
हल: B = μ₀nI = 4π×10⁻⁷×1000×2 = 0.8π×10⁻³ T = 0.8π mT
65. एक टोरॉइड (toroid) में 500 फेरे हैं, औसत त्रिज्या 0.1 m है और इसमें 5 A धारा प्रवाहित हो रही है। टोरॉइड के अंदर चुंबकीय क्षेत्र होगा:
(μ₀ = 4π×10⁻⁷ Tm/A)
a) 5 mT
b) 10 mT
c) 15 mT
d) 20 mT
उत्तर: a) 5 mT
हल: B = μ₀NI/(2πr) = (4π×10⁻⁷×500×5)/(2π×0.1) = 5×10⁻³ T = 5 mT
66. एक आवेशित कण जब एकसमान चुंबकीय क्षेत्र में वेग v से प्रवेश करता है, तो उसकी गतिज ऊर्जा:
a) बढ़ती है
b) घटती है
c) स्थिर रहती है
d) शून्य हो जाती है
उत्तर: c) स्थिर रहती है
व्याख्या: चुंबकीय बल हमेशा वेग के लंबवत होता है, इसलिए यह कार्य नहीं करता और गतिज ऊर्जा स्थिर रहती है।
67. 2 cm लंबाई की धारावाही कुंडली पर 0.02 N·m का बल आघूर्ण लग रहा है। यदि कुंडली में 50 फेरे हों और चुंबकीय क्षेत्र 0.1 T हो, तो धारा का मान है:
a) 0.1 A
b) 0.2 A
c) 0.5 A
d) 1.0 A
उत्तर: b) 0.2 A
हल: τ = nIBA ⇒ I = τ/(nBA) = 0.02/(50×0.1×0.02×0.02) = 0.2 A
68. हॉल प्रभाव (Hall effect) में हॉल वोल्टेज (Hall voltage):
a) धारा और चुंबकीय क्षेत्र के समानुपाती होता है
b) धारा और चुंबकीय क्षेत्र के व्युत्क्रमानुपाती होता है
c) केवल धारा के समानुपाती होता है
d) केवल चुंबकीय क्षेत्र के समानुपाती होता है
उत्तर: a) धारा और चुंबकीय क्षेत्र के समानुपाती होता है
69. एक इलेक्ट्रॉन और एक प्रोटॉन समान गतिज ऊर्जा से चुंबकीय क्षेत्र में प्रवेश करते हैं। उनके पथों की त्रिज्याओं का अनुपात होगा:
(प्रोटॉन का द्रव्यमान = 1836×इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान)
a) 1:1836
b) 1:√1836
c) √1836:1
d) 1836:1
उत्तर: b) 1:√1836
हल: r = √(2mK)/(qB) ⇒ r ∝ √m ⇒ rₑ/rₚ = √(mₑ/mₚ) = 1/√1836
70. एक चुंबकीय द्विध्रुव (magnetic dipole) को चुंबकीय क्षेत्र में 180° घुमाने में किया गया कार्य होगा:
a) -2MB
b) -MB
c) 0
d) +2MB
उत्तर: d) +2MB
हल: W = MB(cos0° – cos180°) = MB(1 – (-1)) = 2MB
71. एक धारावाही वृत्ताकार लूप के अक्ष पर चुंबकीय क्षेत्र केंद्र से दूरी बढ़ने के साथ:
a) बढ़ता है
b) घटता है
c) स्थिर रहता है
d) पहले बढ़ता है फिर घटता है
उत्तर: b) घटता है
व्याख्या: B ∝ 1/(r² + a²)^(3/2), जहाँ a लूप की त्रिज्या है
72. 1 m लंबे दो समानांतर तारों में प्रत्येक में 10 A धारा है। यदि उनके बीच दूरी 0.1 m हो, तो उनके बीच लगने वाला बल होगा:
(μ₀ = 4π×10⁻⁷ Tm/A)
a) 2×10⁻⁴ N
b) 4×10⁻⁴ N
c) 6×10⁻⁴ N
d) 8×10⁻⁴ N
उत्तर: a) 2×10⁻⁴ N
हल: F = μ₀I₁I₂l/(2πd) = (4π×10⁻⁷×10×10×1)/(2π×0.1) = 2×10⁻⁴ N
73. एक इलेक्ट्रॉन 10⁶ m/s वेग से 0.1 T चुंबकीय क्षेत्र में प्रवेश करता है। यदि वेग और क्षेत्र के बीच 45° का कोण है, तो पथ की त्रिज्या होगी:
(इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान = 9.1×10⁻³¹ kg)
a) 3.6×10⁻⁵ m
b) 5.1×10⁻⁵ m
c) 7.2×10⁻⁵ m
d) 9.4×10⁻⁵ m
उत्तर: b) 5.1×10⁻⁵ m
हल: r = (mvsinθ)/(qB) = (9.1×10⁻³¹×10⁶×sin45°)/(1.6×10⁻¹⁹×0.1) ≈ 5.1×10⁻⁵ m
74. एक चुंबकीय द्विध्रुव (magnetic dipole) की चुंबकीय स्थितिज ऊर्जा (potential energy) अधिकतम होती है जब:
a) θ = 0°
b) θ = 90°
c) θ = 180°
d) θ = 270°
उत्तर: c) θ = 180°
व्याख्या: U = -MBcosθ, जो θ=180° पर अधिकतम होती है (U=+MB)
75. एक धारावाही परिनालिका (solenoid) के बाहर चुंबकीय क्षेत्र होता है:
a) एकसमान
b) असमान
c) शून्य
d) अनंत
उत्तर: c) शून्य
व्याख्या: आदर्श परिनालिका के बाहर चुंबकीय क्षेत्र शून्य होता है